The Penguin
द पेंगुइन इंग्लिश–हिंदी/हिंदी–इंग्लिश थिसारस ऐंड डिक्शनरी
तीन खंडों वाला यह ग्रंथ पूरे संसार के द्विभाषी थिसारसों में सब से आगे है। एक तरफ़ आज हिंदी भाषी लोग अँगरेजी ज्ञान बढ़ाने को उत्सुक हैं, तो दूसरी ओर संसार भर के अधिकाधिक लोग हिंदी सीख रहे हैं। पहले वे अँगरेजी सीखते हैं, फिर उस के आधार पर हिंदी। ग्लोबनाइज़ेशन के तेज़ी से छोटे होते इस विश्व में हम सब को तेजी से बढ़ती ऐसी शब्दावली और अंतर्सांस्कृतिक अंतर्सामाजिक धारणाएँ जानने की आवश्यकता हर क़दम पर पड़ती है जिन्हें हम अब तक नहीं जानते। ऐसे में यह थिसारस और कोश वक़्त की माँग पूरा करने वरदान के रूप में आया है।
पुस्तक के तीन खंड हैं--
इंग्लिश-हिंदी/हिंदी-इंग्लिश थिसारस.
इस में शब्दों का संकलन विषय या संदर्भ क्रम से किया गय़ा है। पाठक बड़े स्वाभाविक ढंग से एक विषय से दूसरे पर चला जाता है, मानो उस के सामने पूरा इनसाइक्लोपीडिया खो़ल दिया गया हो, जो एक के बाद दूसरी संबद्ध जानकारी उस के सामने रखता रहता है। इस में 988 शीर्षकों के अंतर्गत 25,562 उपशीर्षक हैं, यानी किसी एक कोटि के अधीन अनेक कोटियाँ। इन सब में कुल मिला कर 5,48,330 स्वतंत्र अभिव्यक्तियाँ हैं। इन में से 2,57,853 अँगरेजी की हैं, और 2,90,477 हिंदी की। और संबद्ध तथा विपरीत कोटियों के क्रौस रैफ़रेंसों की भरमार है। परिणाम यह होता है हम चाहें तो अँगरेजी के माध्यम से या हिंदी के द्वारा किसी भाव से संबद्ध विशाल पर्याय शब्द को पाते ही हैं, उन की कोटियाँ भी, जैसे सृष्टि से संबद्ध ब्रह्मांड, तारे, आकाश, आदि, तो विपरीत शब्द भी पाते हैं, जैसे दिन के साथ रात, सुबह के साथ शाम, सौंदर्य के साथ कुरूपता, और प्रकाश के साथ रात। एक एक चीज़ को समझाने के लिए तरह तरह से दरशायागया है। जैसे सोंदर्य को ही लें। सौंदर्य का भाव समझाने के लिए पहले तो अँगरेजी और हिंदी के ढेर सारे शब्द हैं। अगर एक से बात समझ में न आए तो किसी दूसरे से आएगी। फिर तरह तरह की उपमाएँ उदाहरण देने के लिए सुंदर पुरुषों और स्त्रियों की सूचियाँ। मेनका, अप्सरा, परी से सुंदरता का भाव साफ़ होगा, बाद में सुंदर के लिए 175 शब्द और उन के क्रौसरैंफ़रेंस तो हिंदी के 302 शब्द और उन के क्रौसरैंफ़रेंस।
इंग्लिश-हिंदी कोश और इंडैक्स.
हर इंग्लिश शब्द के साथ हिंदी अर्थ, और संबद्ध शब्द पहले खंड में मिलने का पता।
हिंदी-इंग्लिश कोश और इंडैक्स.
हर हिंदी शब्द के साथ इंग्लिश अर्थ, संबद्ध शब्द पहले खंड में मिलने का पता।
ए-4 साइज़ के हर पेज पर चार कालमों में छोटे टाइप में सूचना से भरपूर तीनों खंडों में कुल शब्दों की संख्या 30 लाख से कहीं ऊपर है। यही कारण है कि यह ग्रंथ किसी भी अन्य थिसारस या कोश को मीलों पीछे छोड़ देता है।
मजबूत बाक्स में तीन सजिल्द खंड; पृष्ठ संख्या: 3144; मूल्य: 3,999.00.
प्रकाशक पेंगुइन इंडिया प्रा लि, 11 कम्यूनिटी सैंटर, पंचशील, नई दिल्ली 110017।
अरविंद कुमार कुसुम कुमार की अन्य पुस्तकें--
समांतर कोश - हिंदी थिसारस
अरविंद सहज समांतर कोश
शब्देश्वरी
लेखक टीम :
अरविंद कुमार (जन्म: 17 जनवरी 1930) वरिष्ठ पत्रकार, कला-नाटक-फ़िल्म समीक्षक के साथ साथ लेखक, कवि और अँगरेजी से हिंदी और हिंदी से अँगरेजी में तथा संस्कृत से हिंदी में अनुवादक. आजकल केद्रीय हिंदी संस्थान, आगरा, की हिंदी लोक शब्दकोश परियोजना के प्रधान संपादक. पूर्व संपादक: सर्वोत्तम रीडर्स डाइजेस्ट (1980-85), माघुरी (1963-1978), सहायक सपादक: सरिता कैरेवान समूह (1963 तक).
कुसुम कुमार (जन्म: 8 दिसंबर 1933) अनेक प्राइवेट स्कूलों में पढ़ाने का बाद दिल्ली प्रशासन के सरकारी उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षक रहीं. आरंभ से ही समांतर कोश और शब्देश्वरी के डाटा संकलन से पूरी तरह जुड़ी हैं.
सुमीत कुमार (जन्म: 2 अक्तूबर 1960) समांतर कोश आदि के कंप्यूटरन की प्रविधि के लिए फ़ाक्सप्रो में डाटा ऐंट्री के लिए और बाद में डाटा के पुस्तकाकार रूपांतरण के लिए आटोमैटिक प्रक्रिया का विकास. अंततोगत्वा बहुभाषी कोशों की रचना के लिए कंप्यूटर प्रविधि शब्द लैक्सिकोग्राफ़र की रचना. सिंगापुर की एक साफ़्टवेअर कंपनी में सीनियर वाइस प्रेज़िडैंट रहे जहाँ एक मैडिकल इनफ़ौर्मैटिक्स प्रोग्राम का विकास किया. इस के द्वारा दक्षिण पूर्व एशिया के कुछ अस्पतालों के प्रबंधन चल रहे हैं.
No comments:
Post a Comment