Saturday, October 27, 2007

अरविंद कुमार और कुसुम कुमार की पुस्तकें - एक परिचय

अरविंद कुमार और कुसुम कुमार की पुस्तकें - एक परिचय
(प्रकाशन के कालक्रम से)
अरविंद कुमार और कुसुम कुमार -
समांतर कोश - हिंदी थिसारस
शब्द शक्ति को कई गुना बढ़ाने का सबल साधन है - समांतर कोश. आधुनिक भारतीय भाषाओं में एकमात्र बृहद और बहुपुरस्कृत थिसारस. संस्कृत के निघंटु और अमर कोश की परंपरा को विश्वज्ञान से जोड़ कर हिंदी को संसार की समृद्धतम भाषाओं के समकक्ष खडा करने वाला ग्रंथ. साहित्यकारों, पत्रकारों, अनुवादकों, विज्ञापकों, प्राध्यापकों, छात्रों और अधिकारियों को लेखन में सही शब्द सुझाने वाला उपयोगी उपकरण. इस क्रांतिकारी कोश को किसी ने भारत का गौरव ग्रंथ कहा, किसी ने हिंदी के माथे पर सुनहरी बिंदी, किसी ने पूरी सदी की सर्वोत्तम रचना, किसी ने स्वाधीन भारत में हिंदी की महानतम उपलब्धि. भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार विजेता लेखक निर्मल वर्मा का कहना है कि वह इसे अपनी मेज़ पर रखते हैं, और आवश्यकता पड़ने पर इस से सहायता लेते हैं. महान कोशकार डा. हरदेव बाहरी ने इसे पुस्तकालयों के लिए अनिवार्य कहा. माधुरी और सर्वोत्तम रीडर्स डाइजैस्ट जैसी पत्रिकाओं के प्रख्यात संस्थापक संपादक अरविंद कुमार और उन की पत्नी कुसुम कुमार ने इस की रचना में जीवन के बीस सुनहरे वर्ष लगाए... हिंदी की विशाल संपदा आप की मेज़ पर रखने वाले इस अनोखे कोश को स्वाधीनता के पचासवें वर्ष में राष्ट्र को स्वर्णिम उपहार के रूप में राष्ट्रपति डाक्टर शंकर दयाल शर्मा ने विमोचित किया और राष्ट्रपति डाक्टर के. आर. नारायणन ने पुरस्कृत किया.
नेशनल बुक ट्रस्ट इंडिया, ए-5, ग्रीन पार्क, नई दिल्ली 110016
दो जिल्दों में 1,768 पृष्ठ. दोनों खंडों का संयुक्त मूल्य : रु. 600.00
अरविंद सहज समांतर कोश - थिसारस भी, शब्दकोश भी
समांतर कोश का क्रम संदर्भ क्रम था. उस में शब्दों का संकलन विषय क्रम से किया गाया था. आजकल विश्व में अकारादि या कोश क्रम से थिसारसों का प्रचलन बढ़ता जा रहा है. हिंदी वैसा पहला थिसारस देने का काम यह पुस्तक करती है. इस में कुछ ऐसे तत्त्व हैं जो इसे उन सब से बहुत आगे ले जाते हैं. इस में विलोम कोश (या रीवर्स डिक्शनरी) भी बड़ी ख़ूबी से पिरोई गई हैं. पाठक न केवल किसी शब्द के पर्याय, सपर्याय और विपर्याय पाता है, बल्कि वह अर्थों के लिए शब्द भी पाता है.....
राजकमल प्रकाशन प्रा. लि., 1 -बी नेताजी सुभाष मार्ग, नई दिल्ली 110002
पृष्ठ : 260 - मूल्य : रु. 225.00
शब्देश्वरी - देवीदेवताओं के नामों का समांतर कोश
विष्णु सहस्रनाम और शिव सहस्रनाम की परंपरा को बढ़ाने वाला ग्रंथ. इतिहास में इतने सारे देवीदेवताओं के इतने सारे नाम इस से पहले एक साथ कभी संकलित नहीं हुए... ईश्वर 562, ब्रह्म 199, ब्रह्मा 301, सरस्वती 108, विष्णु 1,676, लक्ष्मी 119, राम 129, सीता 65, कृष्ण 441, राधा 31, बलराम 98, अर्जुन 93, शिव 2,411, पार्वती 178, दुर्गा 530, काली 34, गणेश 141, स्कंद 161, इंद्र 451, कामदेव 287...
राजकमल प्रकाशन प्रा. लि., 1 -बी नेताजी सुभाष मार्ग, नई दिल्ली 110002
बड़े आकार के पृष्ठ : 1,012 - मूल्य : रु. 395.00
अरविंद सहज समांतर कोश
भारत में पहली बार अकारादि क्रम से थिसारस...हिंदी को एक और नया आयाम देने वाला 21वी सदी का पहला नई तरह का कोश
राजकमल प्रकाशन प्रा. लि., 1 -बी नेताजी सुभाष मार्ग, नई दिल्ली 110002
बड़े आकार के पृष्ठ : 1,012 - मूल्य : रु. 395.00
पेंगुइन इंग्लिश-हिंदी/हिंदी-इंग्लिश थिसारस ऐंड डिक्शनरी
कोशकारिता में विश्व में नया मील का पत्थर रखने वाला द्विभाषी थिसारस और शब्दकोश. छोटे होते संसार में नई आवश्यकताओं की पूर्ति करने के लिए अनोखा कोश। तीन खंडों में ए-4 साइज़ के चार कालम वाले छोटे टाइप में ठसाठस भरे 3,144 पेज। पहला खंड थिसारस है, तो दूसरा इंग्लिश-हिंदी कोश और इंडैक्स और तीसरा हिंदी-इग्लिश कोश और इंडैक्स। इतना बड़ा प्रयास इस से पहले किन्हीं दो भाषाओं में इस से पहले कभी नहीं हुआ। स्वाधीनता के हीरक जयंती वर्ष में राष्ट्र को अनुपम उपहार।
पेंगुइन इंडिया, 11, कम्यूनिटी सैंटर, पंचशील, नई दिल्ली 110017
ए-4 आकार वाले तीन खंड (बाक्स में) --पृष्ठ : 3,144 - मूल्य : रु. 3999.00
अरविंद कुमार -
सहज गीता - सहज संस्कृत पाठ और सहज हिंदी अनुवाद
गीता पढ़ना और समझना इतना आसान कभी नहीं था. श्रीमद् भगवद् गीता को जन साधारण के लिए सहज बनाने के लिए अरविंद कुमार ने इस में संस्कृत श्लोकों के लेखन की एक नई शैली अपनाई है. हर ओर इस सहज शैली की प्रशंसा हो रही है. साधारण हिंदी पढ़ा लिखा व्यक्ति भी अब गीता के श्लोकों का सस्वर पाठ बेहिचक कर सकता है. और अनुवाद? छोटे छोटे वाक्य गीता का गहन भाव आसान कर देते हैं. संस्कृति के प्रचार प्रसार में एक और महत्त्वपूर्ण ग्रंथ.
राधाकृष्ण प्रकाशन प्रा. लि., जी-17, जगतपुरी, दिल्ली 110051
पृष्ठ : 190 - मूल्य : रु. 150.00
विक्रम सैंधव
विलियम शैक्सपीयर कृत जूलियस सीज़र का भारतीय काव्य रूपांतर. इस के लिए एक अनोखी कल्पना की गई है - सिंधु घाटी में है एक सैंधव गणराज्य और मोहनजोदड़ो जैसी राजधानी धारावती. गर्वीले अधिनायक विक्रम सैंधव को चुनौती देते हैं कंक और शतमन्यु. विक्रम को मार कर वे समझते हैं कि उन्हों ने सदा सदा के लिए लोकतंत्र को पुर्नस्थापित कर दिया! क्या सचमुच वे लोकतंत्र की रक्षा कर रहे थे या मन में छिपी ईर्षा को लुभावना नारा दे रहे थे. जो राह निकलती है वह सामंजस्य और सहअस्तित्त्व की है.
राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय, बहावलपुर हाउस, भगवान दास मार्ग, नई दिल्ली 110001
पृष्ठ : 144 - मूल्य : रु. 150.00
अँगरेजी-हिंदी जूलियस सीज़र
इस में बाएँ पृष्ठों पर है शैक्सपीयर की गतिशील अँगरेजी और दाहिने पृष्ठों पर है कलकल बहती हिंदी. अनुवाद की ख़ूबी है - हिंदी में शैक्सपीयर के अपने छंद आयंबिक पैंटामीटर का सुंदर उपयोग. कई विश्वविद्यालयों में जूलियस सीज़र अँगरेजी कोर्स में है. उन के प्राध्यापकों, छात्रों और सभी साहित्य प्रेमियों के लिए यह वरदान सिद्ध होगा. 1991 में हिंदी अनुवाद का सफल मंचन नई दिल्ली तथा कई नगरों में राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के रंग मंडल के लिए प्रसिद्ध मंच निर्देशक इब्राहिम अल्काज़ी ने किया था और सभी समीक्षकों ने खुल कर इस की प्रशंसा की थी.
राधाकृष्ण प्रकाशन प्रा. लि., जी-17, जगतपुरी, दिल्ली 110051
पृष्ठ : 216 - मूल्य : रु. 195.00
फ़ाउस्ट - एक त्रासदी
जरमन महाकवि योहान वोल्फ़गांग फ़ौन गोएथे कृत काव्य नाटक फ़ाउस्ट एक त्रासदी के पहले भाग का अविकल हिंदी काव्य अनुवाद. विश्वविद्यालय के प्रांगण में सीमित एकाकी गुमनाम धनहीन जीवन से परेशान हो कर सांसारिक सुखभोग के लिए शैतान को अपनी आत्मा बेच देने वाले निराश विद्वान फ़ाउस्ट की अनोखी कहानी - आज के भौतिकतावादी संसार में असंतोष और लोलुपता से भरी प्यासी आकांक्षाओं का अमिट दस्तावेज. पाप और नरक पर भोलीभाली मार्ग्रेट के निश्छल प्रेम की विजय गाथा. मानव के मोक्ष का आशाप्रद आख्यान.
भारतीय ज्ञानपीठ, इंस्टीट्यूशनल एरिया, लोदी रोड, नई दिल्ली 110003
पृष्ठ : 273 - मूल्य : रु. 200.00

No comments: